छत्तीसगढ़-कोरबा में हाथियों की दहशत, ग्रामीणों ने चिंघाड़ से डरकर खोला मोर्चा

कोरबा. कोरबा में कटघोरा वनमंडल अंतर्गत बड़काबहरा गांव के पास जंगल और खेत में चार दर्जन हाथियों के दल को देखा गया है। हाथियों का पूरा कुनबा यहां पर मौजूद…

छत्तीसगढ़-कोरबा में हाथियों की दहशत, ग्रामीणों ने चिंघाड़ से डरकर खोला मोर्चा

कोरबा.

कोरबा में कटघोरा वनमंडल अंतर्गत बड़काबहरा गांव के पास जंगल और खेत में चार दर्जन हाथियों के दल को देखा गया है। हाथियों का पूरा कुनबा यहां पर मौजूद हैं,जिसमे नर मादा सहित बेबी एलिफेंट भी मौजूद है। एक साथ 48 हाथियों को देखकर ग्रामीण चिंतित नजर आ रहे है। पूरा जंगल हाथियों के चिंघाड़ से गूंज रहा है। हाथियों की चिंघाड़ सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्हें खदेड़ने का प्रयास करने लगे।

हाथियों के मौजूदगी की जानकारी मिलते ही वन विभाग का दल मौके पर पहुंच गया  और उनकी निगरानी कर रहा है आस पास के गांव में मुनादी कर लोगों को हाथियों के नजदीक नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। बावजूद इसके ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है और हाथियों के पास जाकर उसका फोटो खींचने के साथ ही वीडियो भी बना रहे है। हाथियों ने कई किसानों की फसलों को नुकसान भी पहुंचाया है। ग्रामीणों का आरोप है,कि हाथियों को खदेड़ने वन विभाग का प्रयास नाकाफी है। वही कटघोरा वन मंडल के विभिन्न  वन क्षेत्र में हाथियों का उत्पात लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण जन धन की हानि हो रही है।इससे नाराज ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर नेशनल हाईवे संख्या 130बी पर लमना में प्रदर्शन किया। अधिकारियों के विरुद्ध उन्होंने नारेबाजी की ग्रामीणों की मांग है कि हाथी उत्पात के कारण जो नुकसान हो रहा है, उसमें दी जाने वाली क्षतिपूर्ति को बढ़ाया जाए। पूर्व जनपद सदस्य वीरेंद्र मरकाम ने बताया कि धान फसल का नुकसान करने पर कम मुआवजा दिया जा रहा है प्रभावित गांवों में कोई व्यवस्था नहीं है प्रशासन अभी तक समस्या को लेकर गंभीर नहीं हुआ उन्होंने बताया कि हाथी कभी भी हमला कर देते हैं लेमरू एलिफेंट रिजर्व के नाम पर मार्च खाना पूर्ति की जारी है जिसे लेकर आज प्रदर्शन करना उनकी मजबूरी है।