अमेरिका, चीन के बाद भारत बना सबसे शक्तिशाली देश
मेलबर्न । सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट आ गई है। भारत रूस और जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। भारत से आगे चीन और…
मेलबर्न । सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट आ गई है। भारत रूस और जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। भारत से आगे चीन और लिस्ट में सबसे ऊपर अमेरिका का नाम है। ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक की ओर से जारी किए गए एशिया पावर इंडेक्स में भारत ने अच्छी छलांग लगाई है। इसमें कहा गया है कि जापान की आर्थिक स्थिति में गिरावट की वजह से उसकी ताकत में कमी आई है। जापान अब चौथा सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली एशियाई देश बन गया है। इस लिस्ट को हर साल इन देशों के संसाधान और प्रभाव को ध्यान में रखकर जारी किया जाता है। इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया को पांचवां और यूक्रेन युद्ध में फंसे रूस को छठवां स्थान मिला है।
अमेरिका को 81.7, चीन को 72.7 और जापान को 38.9 प्वाइंट मिले हैं। वहीं पाकिस्तान को मात्र 14.6 प्वाइंट मिले हैं और वह 16वें नंबर पर है। एशिया पावर इंडेक्स में कुल 27 देशों और क्षेत्रों का आकलन किया गया। इसमें देखा गया कि इन देशों के पास क्या है और उसके साथ वे क्या कर रहे हैं। इसमें पाकिस्तान से लेकर रूस तक, वहीं प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका को भी इसमें शामिल किया गया है। इसमें 6 साल के आंकड़े का इस्तेमाल किया गया है। यह एशिया में तेजी से बदल रहे शक्ति के वितरण का अब तक का सबसे व्यापक आकलन है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका अभी भी एशिया में सबसे प्रभावशाली ताकत है लेकिन अब उसे चीन की ओर से तेजी से बढ़ती सेना का दबाव झेलना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की एशिया में ताकत बढ़ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने ताकत के मामले में तीसरा स्थान हासिल किया है। हालांकि उभरते हुए भारत से जितनी अपेक्षा है और वास्तविकता में काफी खाई बनी हुई है। इसमें कहा गया है, एशिया पावर इंडेक्श दिखाता है कि भारत के पास मलक्का स्ट्रेट के पूर्व में शक्ति और प्रभाव दिखाने की सीमित क्षमता है। हालांकि भारत के पास बहुत ही ज्यादा संसाधन है और एक बड़ी ताकत के रूप में विकास की भरपूर क्षमता है। भारत की बात करें तो सैन्य ताकत में चौथा, सांस्कृतिक प्रभाव में चौथा, आर्थिक क्षमता में चौथा, भविष्य के संसाधनों में तीसरा तथा कूटनीतिक प्रभाव में चौथा स्थान मिला। भारत की कुल रैंकिंग अब एशिया में तीसरी हो गई है।