सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत को नहीं मिल रहे यात्री, एग्जीक्यूटिव क्लास में दस यात्री
नई दिल्ली। तेलंगाना में कुछ दिन पहले शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन को यात्री की दरकार है। स्थिति यह है कि यह ट्रेन खाली चल रही है। सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत…
नई दिल्ली। तेलंगाना में कुछ दिन पहले शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन को यात्री की दरकार है। स्थिति यह है कि यह ट्रेन खाली चल रही है। सिकंदराबाद-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस जो 16 सितंबर को शुरू की गई थी। इसकी केवल 20 फीसदी सीटें ही भर पा रही हैं। यह वंदे भारत ट्रेन तेलंगाना की पांचवीं ट्रेन है और इसे यात्री नहीं मिल रहे हैं, जबकि अन्य वंदे भारत ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी दर करीब 90फीसदी से 100फीसदी है।
विगत दिवस जब ट्रेन संख्या 20102 सिकंदराबाद से नागपुर के लिए रवाना हुई, तब 1440 सीटों की कुल क्षमता में से 1200 से ज्यादा सीटें खाली थीं। ट्रेन के दो एग्जीक्यूटिव क्लास कोचों में मात्र दस यात्रियों ने टिकट बुक कराया था, जबकि इनमें कुल 88 सीटें थीं। यह स्थिति रेलवे के लिए चिंता का विषय है। इस ट्रेन का उद्देश्य महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र को तेलंगाना के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों जैसे रामागुंडम और काजीपेट से जोड़ना था। उम्मीद की गई थी कि इन क्षेत्रों के बीच व्यापार और यात्रा को यह ट्रेन सुविधाजनक बनाएगी, लेकिन अब यात्री नहीं मिलने से इसका भविष्य अनिश्चित हो गया है।
इसके विपरीत, बेंगलुरु, चेन्नई और विशाखापत्तनम की वंदे भारत ट्रेनों में बड़ी संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं। इन रूटों पर ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी दर 100फीसदी के करीब है। सिकंदराबाद-नागपुर रूट पर यात्रियों की संख्या में सुधार नहीं होता है, तो रेलवे अधिकारी इस ट्रेन के कोचों की संख्या कम कर सकते हैं। वर्तमान में इस ट्रेन में 20 कोच हैं, जिनमें से 18 चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच हैं। कोचों की संख्या घटाकर 8 करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे सीटों की संख्या 500 से ज्यादा कम हो जाएगी। अब देखने वाली बात होगी कि रेलवे प्रशासन इस रूट पर यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाता है।