बुरे फंसे डूसू चुनाव के 21 प्रत्याशी डीयू भेजेगा नोटिस और भरना पड़ेगा हर्जाना
नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में पोस्टर और बैनर के बेढंगे प्रयोग से गंदी हुईं परिसर की दीवारों को साफ करने में हुए खर्च की रिकवरी…
नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में पोस्टर और बैनर के बेढंगे प्रयोग से गंदी हुईं परिसर की दीवारों को साफ करने में हुए खर्च की रिकवरी विश्वविद्यालय प्रत्याशियों से करने की तैयारी कर रहा है। जल्द प्रत्याशियों को इसके लिए नोटिस भेजे जाएंगे। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रत्याशी राशि चुकाने में असमर्थ होंगे, तो उस पर विचार किया जाएगा, लेकिन रिकवरी के लिए उन्हें नोटिस जरूर भेजा जाएगा। डूसू चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए 21 प्रत्याशी मैदान में थे। इनके अलावा डूसू में शामिल 52 कॉलेजों और विभागों में प्रतिनिधियों के चुनाव हो रहे थे। ऐसे में सिर्फ परिसरों में नहीं हर कॉलेज में प्रचार सामग्री का जमकर इस्तेमाल हुआ। पूरी दीवारों पर चुनाव के दौरान पोस्टर ही नजर आ रहे थे। हर प्रत्याशी अपने समर्थन में वोट मांगता दिख रहा था। इसके बाद पूरा मामला हाई कोर्ट चला गया और कोर्ट ने गंदी हुई दीवारों को साफ करने में हुए खर्च की राशि दिल्ली विश्वविद्यालय को चुकाने को कहा है। दिल्ली नगर निगम, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और अन्य एजेंसियों से डीयू ने खर्च की सीमा बताने को कहा है। हालांकि अभी डीयू प्रशासन को एजेंसियों की ओर से खर्च के बारे में जानकारी नहीं भेजी गई है। सूत्रों की मानें तो नगर निगम ने अनुमानित 4.5 लाख रुपये खर्च किए हैं। नगर निगम ने कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि उन्होंने अंतिम 10 दिनों में दो लाख पोस्टर व बैनर हटाए हैं। इसमें चार ट्रक सामग्री निकली है। इन एजेंसियों के अलावा डीयू ने विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग को भी दीवारें साफ करने में खर्च हुई राशि का ब्योरा देने को कहा है। विश्वविद्यालय का खुद का खर्च और एजेंसियों से प्राप्त बिलों के आधार पर एक तय रकम बांटकर प्रत्याशियों से मांगी जाएगी। डीयू की प्राक्टर प्रो. रजनी अब्बी ने कहा, जैसे ही सारी एजेंसियों के बिल प्राप्त हो जाएंगे, रिकवरी के लिए सभी प्रत्याशियों को नोटिस भेजा जाएगा। विश्वविद्यालय अपनी तरफ से सभी को नोटिस देगा, अगर प्रत्याशी को कोई समस्या है तो वह चुनाव कार्यालय या प्रॉक्टर कार्यालय में बात कर सकता है। लेकिन, सभी को नोटिस जरूर भेजे जाएंगे। इसकी तैयारी हमारी ओर से की जा रही है।