मप्र में दो विधानसभा सीटो पर उपचुनाव की आहट
भोपाल। मप्र की खाली पड़ी दो विधानसभा सीटों बुधनी और श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आहट लगने लगी है। उपचुनाव को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस…
भोपाल। मप्र की खाली पड़ी दो विधानसभा सीटों बुधनी और श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आहट लगने लगी है। उपचुनाव को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस मैनेजमेंट में जुट गई हैं। इसके तहत दोनों पार्टियों की कोशिश है कि नाराज और निष्क्रिय नेताओं को साधा जाए, ताकि जीत की राह आसान हो सके। इसी के तहत अभी हाल ही में भाजपा ने विजयपुर में पार्टी में बगावत रोकने के लिए पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को राज्यमंत्री का दर्जा देकर सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्ति किया था। इसके बाद अब कांग्रेस में भी सक्रियता बढ़ गई है।
निष्क्रिय और नाराज नेताओं को साधने में लगी भाजपा और कांग्रेस फिलहाल फील्ड में सक्रिय नहीं है। गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग अगले माह महाराष्ट्र में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के साथ ही मप्र में विजयपुर और बुधनी विस उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक 15 अक्टूबर तक चुनावों का कार्यक्रम जारी हो सकता है।
फिलहाल भाजपा और कांग्रेस का पूरा फोकस मैनेजमेंट पर है। कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर कांग्रेस सख्त हो गई है और उनको आगे के चुनाव में किस तरह से हराया जाए, इसको लेकर रणनीति बनाने की बात तो हो रही है, लेकिन उसके हिसाब से फील्ड में काम नहीं दिखाई दे रहा है। अंचल में विजयपुर विधानसभा में उप चुनाव होना है और उसके लिए कांग्रेस के कई नेता वहां कई बार दौरा भी कर चुके हैं, क्योंकि कांग्रेस नेताओं को भाजपा के नाराज नेताओं से आस थी, लेकिन रणनीति सफल होती उसके पहले ही भाजपा ने सीताराम आदिवासी को राज्यमंत्री का दर्जा देकर एक तरह से फील्ड को मजबूत कर लिया है। अब कांग्रेस के लिए वह किसी भी तरह का खाली स्थान नहीं छोडऩा चाहती, जहां से होकर वह आगे निकल सके। यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव के बीच ही कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके इनाम के तौर पर उनको मंत्री भी बनाया था। अब विजयपुर विधानसभा में उप चुनाव होना है। इसको लेकर कांग्रेस ने चुनाव के ऐलान से पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कार्यकर्ताओं को एकजुट कर उनके अंदर जोश भरने का काम किया जा रहा है, जिसको लेकर कांग्रेसी लगातार बैठक कर रहे हैं।
फिलहाल जिन दो सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से कांग्रेस का सबसे अधिक फोकस विजयपुर में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयपुर विधानसभा में होने वाले उप चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की ड्यूटी लगा कर उनको जिम्मेदारी दी है। इसके तहत पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव लगातार विजयपुर विधानसभा का दौर कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर उनमें जोश भर रहे हैं। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह को भी विजयपुर विधानसभा का जिम्मा दिया है, क्योंकि अंचल में कांग्रेस की राजनीति में वह मुरैना व श्योपुर में खासा प्रभाव रखते हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजयपुर में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से संवाद बनाने में लगे हुए हैं। साथ ही वह भाजपा की रणनीति को भेदने में भी जुटे हैं और नाराज भाजपा नेताओं से भी संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस की भाजपा से नाराज चल रहे सीताराम आदिवासी पर नजर थी। पर भाजपा ने उन्हें एकाएक सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर कांग्रेस के मंसूबे पर पानी फेर दिया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल मेवरा को लेकर भी भाजपा की रणनीति तैयार है और जल्द ही दोनों नेता रामनिवास के लिए काम करते दिखेंगे। राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद सीताराम आदिवासी के स्वर बदलने से कांग्रेस की चिंताएं बढ़ गई हैं।
छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भले ही कांग्रेस के हिस्से में हार आई हो लेकिन कांग्रेस अब अगले उपचुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुट गई है। जल्द ही बुधनी और विजयपुर सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इन दोनों सीट के लिए कांग्रेस विधायकों की बड़ी फौज उतारने जा रही है। इन दोनों सीट पर बूथ मैनेजमेंट के लिए कांग्रेस 30-30 विधायकों की टोली बनाने जा रही है। कांग्रेस के यह विधायक जमीनी स्तर पर पार्टी को तैयार करेंगे। बुधनी विधानसभा सीट केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सीट छोडऩे के बाद खाली हुई है। इस सीट पर कांग्रेस ने लगातार दो आखिरी चुनाव 1993 और 1998 में जीते थे। शिवराज सिंह चौहान अब केन्द्र में जा चुके हैं इसलिए भाजपा की तरफ से भी इस बार इस सीट से नया चेहरा सामने होगा। यही वजह है कि कांग्रेस इस मौके को भुनाने की कोशिश में जुट गई है। यही स्थिति विजयपुर की है। इस सीट पर कांग्रेस के रामनिवास रावत लंबे समय से जीतते आ रहे हैं, जो अब भाजपा की मोहन सरकार में दलबदल कर मंत्री बन चुके हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इन दोनों सीटों पर बेहद मजबूती से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता कहते हैं कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी और इसको लेकर सभी तैयारियां की जा रही हैं। पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी इन दोनों सीटों पर चुनाव के लिए बूथ मैनेजमेंट पर ध्यान दे रही है। इसके लिए तय किया गया है कि पार्टी दोनों सीटों पर बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी कांग्रेस विधायकों को देगी। कांग्रेस इसके लिए बूथ प्रबंधन के लिए 30-30 विधायकों को जिम्मेदारी सौंपेगी। इससे बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने, सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने और स्थानीय स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाना आसान होगा। यह विधायक ही क्षेत्र में प्रचार की कमान भी संभालेंगे। सभी मौजूदा विधायकों के अलावा पूर्व विधायकों और बाहरी कार्यकर्ताओं को भी संपर्क अभियान में जुटाया जाएगा।