मांगों के लिए आर-पार की लड़ाई के मूड में दिल्ली देहात के लोग जंतर-मंतर पर दिया धरना
नई दिल्ली । दिल्ली देहात के लोग लंबे समय से गांव के मुद्दों और समस्याओं के समाधान की मांग सरकार से कर रहे हैं, लेकिन उनका दावा है कि अब…
नई दिल्ली । दिल्ली देहात के लोग लंबे समय से गांव के मुद्दों और समस्याओं के समाधान की मांग सरकार से कर रहे हैं, लेकिन उनका दावा है कि अब तक सरकार द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, उनकी कुछ मांगें जरूर पूरी हुई हैं। इसके बाद भी अधिकतर मुद्दों को अनदेखा करने का दावा किया गया है। इससे नाराज दिल्ली देहात के लोगों ने जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व पालम-360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी कर रहे हैं और लगातार दिल्ली देहात की आवाज बन कर सरकार के कानों तक अपनी मांग पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, रविवार की देर शाम दिल्ली पुलिस ने धरने पर बैठे सभी लोगों को हिरासत में ले लिया और कुछ घंटों के बाद रिहा कर दिया। पुलिस की हिरासत से बाहर आने के बाद, पालम 360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, दिल्ली देहात की प्रमुख समस्याओं और लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े मुद्दों के निर्णायक समाधान की मांग को लेकर जंतर मंतर पर इस अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के भयंकर अभाव और चौतरफ़ा बदहाली से लोगों में खासी नाराजगी है। उन्होंने कहा, दिल्ली के ग्रामीण कई वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और अब दिल्ली देहात के लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। वे अपनी सभी समस्याओं के पूर्ण समाधान तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला करके आए हैं। अब चाहे उन्हें यह आंदोलन जेल से क्यों न चलाना पड़े, लेकिन पूर्ण समाधान होने तक अब उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। सोलंकी ने बताया कि 15 सितंबर को ही दिल्ली के जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में एकजुट होकर हमने अपने हक और अधिकार के लिए हुंकार भरकर जिस लड़ाई का आगाज किया था, अब हम उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे। हम दिल्ली के उपराज्यपाल, केंद्र सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार से जल्द से जल्द सभी समस्याओं के समाधान की मांग करते हैं। हमने पहले भी 15 दिन का समय दिया था जो बीत गया और इसी कारण हमें अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा है अब दिल्ली के 360 गांव के लोगों ने एकमत से फैसला कर लिया है कि वर्षों से लंबित हमारी सभी समस्याओं के पूर्ण समाधान तक ये आंदोलन रुकने वाला नहीं है।