
लकड़ी तस्करों का आरा मिलों से कनेक्शन जांच के दायरे मे
एक निर्माणाधीन कॉलोनी पर भी आ सकती है जांच की आंच
दो महीनों में खपा दिया गया 2 करोड़ का अवैध चिरान
आरा मिलों की पुरानी फाइलें खोले जाने की खबर
देवशरण तिवारी
जगदलपुर, 09 मई (हाईवे चैनल) | बस्तर वनमंडल के कोलेंग परिक्षेत्र में हुई अवैध कटाई के मामले में गहन जांच पड़ताल जारी है। बताया जा रहा है कि कोलेंग में चल रही यह अवैध कटाई बीते दो माह से चल रही थी। यहां से निकाली गई साल और बीजा की करीब 500 घन मीटर लकडी कहाँ खपाई गई है इसकी भी जांच की जा रही है। इस लकड़ी की अनुमानित कीमत दो करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है।
कई निर्माणाधीन कॉलोनियों और शहर की कुछ आरा मिलों को भी जांच के दायरे में लिया जा रहा है। वनविभाग के मैदानी अमले से भी गहन पूछताछ जारी है। फिलहाल शक की सुई उस सामूहिक गृह निर्माण की तरफ आ कर टिक गई है जहां वनविभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के दर्जन भर आलीशान मकान बन रहे हैं। अत्यंत भरोसेमन्द सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोलेंग में हुई इस बड़ी अवैध कटाई के तार इस कॉलोनी से भी जुड़ रहे हैं। जगदलपुर शहर के सिंधी कॉलोनी के पास वनविभाग के अधिकारियों द्वारा 27000 वर्ग फिट जमीन खरीदी गई है। इस भूमि पर कई मकान बन रहे हैं जिनमे से कुछ मकानों में कोलेंग से निकाली गई लकड़ी को उतारे जाने की खबर सूत्रों ने दी है। इसके अलावा कुछ आरा मिलों में भी इस लकड़ी को खपाया गया है। कुछ आरा मिलों के साथ इस कॉलोनी को भी जांच के दायरे में लिया जा रहा है। कुछ आरा मिलों द्वारा इस कॉलोनी में लगने वाली लकड़ी के बोगस बिल मकान मालिकों को दिए गए हैं । खास तौर पर इन्ही मिलों के स्टॉक और दस्तावेज जांचे जा रहे हैं। बीते कुछ सालों में जिन लकड़ी मिलों में वनविभाग द्वारा गंभीर अनियमितताएं पकड़ी गईं हैं उन पर विशेष संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इनकी जांच कई सालों से क्यों दबी हुई है उस पर भी सवाल जवाब किये जा रहे हैं। अगर पूरी ईमानदारी से इन आरामिलों की जांच की जाती है तो कोलेंग परिक्षेत्र की इस बड़ी अवैध कटाई के पीछे छुपे लोगों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
मैत्री परिवार के नाम से खरीदी गई जमीन
शहर के सिंधी कॉलोनी के पास की इस जमीन को खरीदने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले एक पार्टनरशिप फर्म बनाई गई। इस फर्म का नाम मैत्री परिवार रखा गया। दिनाँक 31 मार्च 2016 को इस 27000 वर्ग फिट जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई। रिकॉर्ड में इस भूमि की कीमत एक करोड़ रुपये दर्शाई गई है जबकि इसका वास्तविक मूल्य 5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इस मैत्री परिवार में 12 सदस्य हैं जिनमे से एक दो को छोड़ कर बाकी सभी वनविभाग में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय यह है कि अधिकांश अधिकारियों कर्मचारियों ने यह रजिस्ट्री अपनी पत्नियों के नाम से करवाई है।
इनकमटैक्स डिपार्टमेंट ने भी भेजा नोटिस
जिस भूमि को मैत्री परिवार के नाम से खरीदा गया है उसका बाजार मूल्य 5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। खरीदी मूल्य करीब चार करोड़ रुपये कम बताए जाने के बाद आयकर विभाग ने भी इस मैत्री परिवार पर अपनी वक्र दृष्टि डाल दी है। फरवरी 2021 में इस संस्था को पहली बार इन्कमटैक्स डिपार्टमेंट द्वारा नोटिस भेजा गया । इसके 15 दिन बाद एक और नोटिस भेजा गया । जवाब न मिलने पर अभी हाल ही में 15 मार्च 2022 को तीसरा नोटिस इन्कमटैक्स डिपार्टमेंट द्वारा मैत्री परिवार को भेजा गया है।
1 अप्रेल से मानिकपुरी के पास था कोलेंग रेंज का प्रभार
बस्तर वनमंडल अंतर्गत कोलेंग रेंज के निवर्तमान रेंज ऑफिसर के गत 31 मार्च को सेवा निवृत्त हो जाने के बाद से इस वन परिक्षेत्र का प्रभार माचकोट परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी बलदाऊ दास मानिकपुरी के पास था। निवर्तमान रेंजर सर्वजीत सिंह बीते करीब डेढ़ साल से यहां बतौर रेंजर पदस्थ थे। क्षेत्रफल के हिसाब से अपेक्षाकृत काफी छोटे इस वन परिक्षेत्र में अवैध कटाई को रोकने कोई सजगता क्यों नहीं बरती गई इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। यहां यह बताना भी लाज़मी है कि माचकोट के वन परिक्षेत्र अधिकारी बलदाऊ दास मानिकपुरी भी इस विवादित मैत्री परिवार के सदस्य हैं।
मकानों की लागत एक-एक करोड़ से ज्यादा
यहां बन रहे अधिकांश मकानों की लागत एक- एक करोड़ से ज़्यादा है। अपनी पत्नियों के नाम से खरीदी गई जमीन और उस पर करोड़ों की लागत से बन रहे मकानों के संबंध में विभागीय नियमो के तहत ली जाने वाली अनुमति ली गई है या नही इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा हर वर्ष 31 दिसंबर को प्रस्तुत किये जाने वाले चल अचल संपत्ति के ब्यौरे के तहत इस संपत्ति का विवरण वनविभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुत किया भी है या नही इसकी भी पड़ताल की जा रही है।
मैत्री परिवार के सदस्यगण
1.बबीता गुप्ता पति जयप्रकाश गुप्ता
2.गुलशन देवांगन पिताअभय देवांगन
3.के.शोभा पति के.राजू
4.कृष्णा मानिकपुरी पति बलदाऊ दास मानिकपुरी
5.किरण सिंह पति देवेंद्र सिंह
6.नीलम कुशवाह पति राजेन्द्र कुशवाह
7.सीमा सिंह पति उमेश कुमार सिंह
8.हरिशंकर सिंह पिता रामबालक सिंह
9.राधा सिंह पति कृष्णा सिंह
10.उमेश्वरी देवांगन पति पीलाराम देवांगन
11.संध्या गुप्ता पति रूपेश गुप्ता
12.सुनीता देवी पति मनोज कुमार
इस कटाई में कुछ टिम्बर व्यवसायियों के भी संलिप्त होने की सूचना मिल रही है। आरा मिलों के स्टॉक और दस्तावेजों की जांच की जायेगी। एक निर्माणाधीन कालोनी की भी शिकायत मिली है। वनमंडल के वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहे हैं।
– मो.शाहीद मुख्यवन संरक्षक जगदलपुर वृत्त