
सुकमा जहां मुर्दों तक भी पहुंच रहा है सरकारी योजनाओं का लाभ
सुकमा जिले के 3000 ग्रामीण हुए सरकारी ठगी का शिकार
बीज निगम और उद्यान विभाग ने रचा भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान
22 लाख के सब्ज़ी बीज ज़रूरतमंदों तक पहंचने से पहले ही हो गए गायब
कोन्टा से लौटकर
देवशरण तिवारी
जगदलपुर(हाईवे चैनल) | आज से अठारह महीने पहले सुकमा जिले में डीएमएफ के तहत उद्यान विभाग को 22.30 लाख रुपये बाड़ी योजना के क्रियान्वयन के लिए दिए गए थे।इस राशि से सुकमा जिले के छिन्दगढ़, कोंटा और सुकमा विकास खंड के 3000 ग्रामीणों को सब्जी के बीज बांटे जाने थे।छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम से उद्यान विभाग ने इन बीजों को खरीदना बताया है । बीजों का भुगतान भी कर दिया गया।कार्य का पूर्णता प्रमाणपत्र भी डीएमएफ शाखा में जमा कर दिया गया है लेकिन आदिवासियों को आज तक ये बीज मिले ही नहीं ।इस तरह की तमाम लोक लुभावन योजनाओं के लिए फिर एक बार आदिवासियों की सूची दफ्तर में बैठकर बनाई गई।पूरी रकम अफसरों ,नेताओं और सप्लायरों के बीच बंट गई और सुकमा का गरीब आदिवासी एक बार फिर सरकारी ठगी का शिकार हो गया।हद तो तब हो गई जब घनघोर भ्रष्टाचार की इस आंधी में अधिकारी ये भी नही देख सके कि बीज लेकर सब्जी उगाने जा रहा आदिवासी जिंदा भी है या नही।
कलेक्टर सुकमा और जिला खनिज संस्थान न्यास के पदेन अध्यक्ष चंदन कुमार ने नए कलेक्टर को चार्ज देने से चार दिन पहले दिनाँक 29.10.2020 को इस कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 2506/डीएमएफ/2020 के अंतर्गत सुकमा के सहायक संचालक उद्यान को नरवा गुरुवा धुरवा बाड़ी कार्यक्रम अंतर्गत 1250 रुपये प्रति किट के हिसाब से 3000 किट के रूप में विभिन्न प्रकार के सब्ज़ियों के बीज बांटे जाने थे।तत्पश्चात नए कलेक्टर विनीत नन्दनवार द्वारा इस कार्य के लिए दिनाँक 23.12.2020 को 22 लाख 30 हज़ार रुपये की राशि जिला खनिज संस्थान न्यास सुकमा द्वारा चेक नंबर 678164 के माध्यम से सहायक संचालक उद्यान सुकमा को प्रेषित की गई।जिसके बाद जिला प्रबंधक छ. ग.राज्य बीज विकास निगम दंतेवाड़ा को निर्धारित योजना से अलग एक अन्य योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) का नाम देते हुए 3000 किट की जगह 1784 किट प्रदाय करने का आदेश सहायक आयुक्त उद्यान द्वारा दिनाँक 23.12.2020 को जारी किया गया।प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में फेरबदल करते हुए सहायक संचालक उद्यान द्वारा अपने इस आदेश में टमाटर के बीज 10 ग्राम,लौकी 30 ग्राम,भिंडी 200 ग्राम,खीरा 40 ग्राम,करेला 25 ग्राम और बैंगन के बीज 30 ग्राम के रूप में हाई ब्रीड सब्जी मिनी किट तैयार कर आपूर्ति करने की बात लिखी गई थी।यह सामग्री बीज निगम द्वारा दिनाँक 2 जनवरी 2021 को उद्यान विभाग सुकमा को कागज़ी रूप में सौंप दी गई।इस तरह 22.30 लाख रुपये के 597 किलो बीज कागजों में ही सुकमा जिले के 1784 हितग्रहियों को कब बांट दिए गए इसकी जानकारी किसी को नही है।बस 1784 लोगों की सूची जिला खनिज संस्थान न्यास में जमा कर दी गई और फिर एक नई कागज़ी उपलब्धि हासिल कर अधिकारी नए जुगाड़ में व्यस्त हो गए।
ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से किया गया इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश
कोन्टा विकासखंड के बगड़ेगुड़ा,पुनपल्ली,डुब्बाटोटा ,मनीकोंटा,पोलमपल्ली मरईगुड़ा ,टेटराईऔर मेड़वाही जैसी सुकमा जिले की करीब 50 पंचायतों के 1784 ग्रामीणों को बीज बांटने का जो दावा किया गया है पूरी तरह झूठा है।किसी को भी ये किट नहीं मिले ।सरपंचों ने ग्राम सभा बुलाकर उस एक एक व्यक्ति से पूछ लिया जिसका नाम हितग्रहियों की सूची में दर्ज है।सभी ने इनकार किया और पंचायत स्तर पर पंचनामा तैयार कर उसकी प्रति मीडिया को उपलब्ध कराई गई है। यह पंचनामा सुकमा जिले में फैले बेहिसाब भ्रष्टाचार और यहां हो रहे कागज़ी विकास की पोल खोल रहा है।सरपंचों ने इस सूची में दर्ज दर्जनों ऐसे लोगों के नामों को भी चिन्हित किया है जिन्हें मृत हुए लंबा समय बीत चुका है।कोन्टा विकासखंड की मेड़वाही पंचायत के सरपंच पोड़ियाम भीमा ने बताया कि इस सूची में क्रमांक 287 से लेकर 355 तक उनकी पंचायत के कुल 69 ग्रामीणों को वर्ष 2020-21 में सब्जियों के बीज बांटे जाने की बात लिखी गई गई है जो कि सरासर झूठ है।2018-19 , 2019-20 या 2021-22 में भी ऐसा कोई सामान इस गांव में नहीं बांटा गया है।ग्राम पंचायत द्वारा सार्वजनिक रूप से तैयार किये गए पंचनामे में यह भी लिखा गया है कि इस सूची के 295 वें नंबर पर जिस सोड़ी भीमा पिता सोड़ी कोसा का नाम दर्ज है उसकी मृत्यु बहुत पहले हो चुकी है।इसी तरह सूची के 341 वें नंबर पर दर्ज नाम सोड़ी राजा पिता सोड़ी कोसा की मौत भी अप्रेल 2020 में हो चुकी है।मौके पर मौजूद पोड़ियाम भीमा पिता देवा,पोड़ियाम देवा पिता माड़ा, सोड़ी नंदा पिता गंगा ,पोड़ियाम जोगा पिता हिड़मा,करतम हूँगा पिता रामा ,पोड़ियाम भीमा पिता जोगा और पोड़ियाम गंगा पिता भीमा आदि सभी के नाम इस सूची में दर्ज हैं लेकिन इन्हें सब्जी किट तो क्या बीज का एक दाना तक नसीब नहीं हुआ है।
4 साल पहले हो चुकी है हितग्रहियों की मृत्यु
इसी तरह कोन्टा विकासखंड के बगड़ेगुड़ा पंचायत के वंजाम जोगा पिता हिड़मा और एक अन्य व्यक्ति वंजाम लक्का पिता एर्रा की मृत्यु हुए 4 साल से ज्यादा समय बीत चुका है।मृत हितग्राही वंजाम जोगा की पत्नी वंजाम राजे और वंजाम लक्का के भतीजे वंजाम हिरमा के साथ सरपंच पारा बगड़ेगुड़ा के वहां मौजूद सभी लोगों ने इस बात की पुष्टि लिखित रूप से की है।यहां मौजूद ग्रामीणों में से सोड़ी सुनील और मड़कम मिस्सा ने बताया कि उनके नाम भी इस सूची में हैं लेकिन उन्हें कोई सब्जी किट नहीं दिया गया है।
पुनपल्ली के आदिवासी भी हुए इस ठगी का शिकार
इसी तरह कोन्टा विकासखंड के पुनपल्ली गांव के अंबेडकर पारा में रहने वाले मिडियाम जोगा,कारम आयता,मुचाकी मासा और कारम भीमा जैसे 69 लोगों लोगों के नाम उद्यान विभाग की इस सूची में दर्ज हैं।कोन्टा की ही एक और ग्राम पंचायत डुब्बाटोटा में रहने वाले किशोर रोशन और मड़कम सोमा के नाम भी इस सूची में दर्ज हैं लेकिन सिर्फ इन्हें ही नही बल्कि गांव के अन्य 55 लोगों को भी कोई सब्ज़ी किट आज तक नही मिला है।कोन्टा के अलावा सुकमा और छिन्दगढ़ विकास खंड का भी यही हाल है ।ऐसा नही है कि किसी को कुछ भी नही मिला कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें टमाटर और लौकी के दस-दस ग्राम के बीज सरकारी उपहार के रूप में पकड़ा दिए गए हैं।
बांटने की जिम्मेदारी हमारी नहीं-जिला प्रबंधक बीज निगम
बीज निगम के जिला कार्यालय दंतेवाड़ा में पदस्थ जिला प्रबंधक राजेन्द्र लकड़ा ने कहा कि उनके विभाग द्वारा बीजों की आपूर्ति उद्यान विभाग को समय पर कर दी गई थी।हितग्रहियों तक बीजों को पहुंचाने की जिम्मेदारी उद्यान विभाग की थी हमारी नहीं।
देखना पड़ेगा गड़बड़ी कहाँ हुई है-सहायक संचालक उद्यान सुकमा
जब इस संबंध में सुकमा के सहायक संचालक उद्यान हितेश नाग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा होना तो नहीं चाहिए फिर भी अगर शिकायत आ रही है तो देखना होगा कि ये गड़बड़ी कैसे और कहां हुई है।
कवासी लखमा हैं ज़िम्मेदार-हूँगाराम
सुकमा भाजपा के जिलाध्यक्ष हूँगाराम मरकाम ने कहा कि सुकमा जिले में लगातार आदिवासियों का शोषण हो रहा है।अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं।उन्होंने स्थानीय विधायक और प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ही संरक्षण में इस तरह के भरष्टाचार हो रहे हैं।यहां की इस हालत के पीछे वो ही जिम्मेदार हैं।