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बस्तर रेल अंदोलनकारीयों ने प्रधान मंत्री, रेल मंत्री व मुख्य मंत्री को ज्ञापन भेजा

 

जगदलपुर ( हाईवे चैनल)दल्ली राजहरा-जगदलपुर रेल मार्ग को छः दशक से लम्बित रखने के विरोध में बस्तर संभाग के सभी समाजों, संगठनों व नागरिकों द्वारा अंतागढ़ से जगदलपुर तक 3 से 12 अप्रैल तक पदयात्रा की जाएगी।
आज 31 मार्च को इसी सम्बंध में आंदोलनकारियों की ओर से प्रधान मंत्री, रेल मंत्री व मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि किस प्रकार बस्तर से सिर्फ़ लौह अयस्क का दोहन ही किया जा रहा है तथा एक सामान्य सी रेल लाइन की माँग छः दशकों के बाद भी पूरी नहीं हो रही है।रेल लाइन के सम्बंध में काग़ज़ी घोषणाओं व अनुबंधों का भी विवरण देते हुए नाराज़गी प्रकट की गई है।स्वयं प्रधान मंत्री जी की 2015 में की गई घोषणा पर भी एक इंच भी काम ना होने की बात का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि 2022 तक जगदलपुर से रेल चलनी थी।
ज्ञापन में इस पर भी नाराजगी व्यक्त की गई है कि बस्तर सिर्फ़ दोहन का केंद्र रह गया है, लौह अयस्क के खनन से व ढुलाई से अरबों ख़रबो कमाने वाली सरकार बस्तर में रेल और विकास नहीं चाहती।
कलेक्ट्रेट में सिटी मैजिस्ट्रेट को तीनों ज्ञापन सौंपे गए।
कलेक्ट्रेट से आंदोलनकारी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए।रेलवे स्टेशन में स्टेशन मैनेजर नायक को रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन देते समय चेम्बर अध्यक्ष मनीष शर्मा, पूर्व अध्यक्ष किशोर पारख, दशरथ कश्यप, सम्पत झा, राजकुमार दंडवानी, चंद्रेश चांडक, शंकरलाल गुप्ता, ज़ितू गोलछा, नवरतन, शेखर मालू, रोहित बैस, किशोर दुग्गड, विपिन जोबनपुत्रा, अभिजीत चौधरी, बंटू पांडे, योगेश शुक्ला, लखनलाल साहू, इमरान बरबटिया, महिलाओं में श्रीमती शैल दुबे, अनिता राज, करमजीत कौर, गाजिया अंजुम, ज्योति गर्ग, सुनीता उमरवैश्य, हेमा गुरुवारा आदि उपस्थित थे।
बस्तर रेल आंदोलन की ओर से बताया गया कि पदयात्रा की तैयारियाँ बड़े पैमाने पर चल रही है।एक ओर जहां कांकेर, नारायणपुर, कोंडागाँव व बस्तर ज़िले के लोग लगातार आंदोलन से जुड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर संभाग के अन्य ज़िलों से भी आंदोलन को समर्थन प्राप्त हो रहा है।

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