सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी नहीं है नेकां, हमने हिंदु को बनाया है डिप्टी सीएम: उमर अब्दुल्ला
जम्मू। जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस केवल मुस्लिमों की पार्टी नहीं है। यदि ऐसा…
जम्मू। जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस केवल मुस्लिमों की पार्टी नहीं है। यदि ऐसा होता तो किसी भी हिंदू को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाते। परिणाम के बाद ही कुछ लोग कहना शुरू हो गए थे कि नेकां मुसलमानों और कश्मीरियों की पार्टी है, जिसमें जम्मू को कुछ नहीं मिलेगा, लेकिन हमने जम्मू से हिंदू उपमुख्यमंत्री बनाया।कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि हिंदू उपमुख्यमंत्री बनाना उन लोगों को जवाब है, जो नेकां को परिवारवाद वाली पार्टी कहते थे। उपमुख्यमंत्री हिंदू है और जम्मू का है और मेरे परिवार से संबंध नहीं रखता है। पहले उपमुख्यमंत्री गठबंधन की मजबूरी में बनाए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। बिना किसी मजबूरी या दबाव में हमने उपमुख्यमंत्री बनाया। पहली बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों एक पार्टी से हैं। अब हमारे विरोधी क्या कहेंगे।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला शनिवार को पहली बार जम्मू पहुंचे। पार्टी कार्यालय में उनका कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उमर भाजपा पर हमलावर रहे। सीएम ने कहा, कुछ लोगों ने बीते आठ सालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को खत्म करने के लिए हर हथकंडा अपनाया। जिस तरह से परिसीमन करवाया, आरक्षण में बदलाव किया, उसका उद्देश्य सिर्फ एक पार्टी को लाभ पहुंचना था, लेकिन लोगों ने उस सब को एक तरफ रखकर सोच-समझकर वोट दिया। भाजपा पर आरोप लगाते हुए सीएम ने कहा कि बीते आठ सालों में हमारे नेताओं को डराया गया। कुछ लोग पार्टी छोड़ गए तो उन्हें लगा था, उनके जाने से पार्टी खत्म हो जाएगी, लेकिन नेकां कार्यकर्ताओं ने साबित कर दिया कि पार्टी नेताओं की नहीं कार्यकर्ताओं की है। चुनाव में जीते निर्दलीय उम्मीदवारों ने बिना किसी शर्त के पार्टी के साथ जुड़ने का फैसला लिया। खुद के लिए कुछ नहीं मांगा।
अब फैसले कार्यालय या सचिवालय में नहीं लिए जाएंगेसीएम ने कहा, पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकार से उम्मीद है। उन्हें भी कई साल हुए हैं सचिवालय गए हुए। अधिकारियों को कुछ समय दो, उन्हें आदत हो जाए कि अब लोगों की सरकार है। अब फैसले बिना लोगों की राय के सचिवालय या अधिकारियों के कार्यालयों में नहीं लिए जाएंगे। अब प्रोजेक्ट और डीपीआर बनेंगे। लोग जो चाहेंगे, वह काम उनके इलाके में होगा।