सम्राट चौधरी ने बताया, लालू को कौन सा पुरस्कार मिलना चाहिए? विजय सिन्हा ने RJD को घेरा
पटना। राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री लालू यादव को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर भाजपा ने चुटकी ली है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा…
पटना। राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री लालू यादव को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर भाजपा ने चुटकी ली है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू ने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में जितने घोटाले किए, उसे देखते हुए उन्हें "भारत लूट रत्न" दिया जाना चाहिए।
सम्राट चौधरी के बयान से मच सकता है बवाल
सम्राट चौधरी ने कहा कि जब लालू मुख्यमंत्री बने, तब चारा घोटाला किया। इसके चार मामलों में उन्हें ऐसी सजा हुई कि अब वे मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते। लालू की सरकार में चारा घोटाला के अलावा अलकतरा घोटाला, घोटाला भी हुआ।
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने राजद प्रमुख को भारत रत्न देने की मांग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू देश-दुनिया में अपने भ्रष्टाचार के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसलिए लालू को ''भारत रत्न'' नहीं, ''भ्रष्टाचार रत्न'' के सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए।
भारत रत्न का अपमान कर रहा राजद : विजय सिन्हा
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के लिए भारत रत्न की मांग कर राजद देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान का अपमान कर रहा है। राजनीति में कोई ऐसा सगा नहीं जिसे लालू ने ठगा नहीं हो। अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए उन्होंने हमेशा समाज को बांटने और लड़ाने का काम किया है। आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में तो इनका कारनामा जगजाहिर है।
ताज्जुब की बात तो यह है कि राजद पोषित लोग लालू जैसे सजायाफ्ता के लिए भारत रत्न की मांग कर रहे। यह मांग करना भी भारतरत्न की प्रतिष्ठा का अपमान है।
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च सम्मान
बता दें कि भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।
भारत रत्न के लिए योग्यता:
– देश के लिए असाधारण योगदान: विज्ञान, साहित्य, कला, सार्वजनिक सेवा, खेल, आदि क्षेत्रों में असाधारण योगदान।
– राष्ट्रीय महत्व: देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना जिससे आम लोगों की भलाई हो।
– अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा: काम की विश्व स्तर पर चर्चा हो।
– निस्वार्थ सेवा: देश की सेवा में अपना निस्वार्थ योगदान देना।