छत्तीसगढ़-गरियाबंद में ‘मामा टामन सोनवानी’ और बहन की करतूत, कर्मचारी रहते कॉलेज के मालिकों ने भांजी के नाम से खरीदी जमीन

गरियाबंद. ये कलयुग है… यहां भले सगा भाई- सगे भाई पर भरोसा न करें… और प्रॉपर्टी के नाम पर तो कतई नहीं… लेकिन जब मामा टामन सोनवानी जैसा पॉवरफुल अधिकारी…

छत्तीसगढ़-गरियाबंद में ‘मामा टामन सोनवानी’ और बहन की करतूत, कर्मचारी रहते कॉलेज के मालिकों ने भांजी के नाम से खरीदी जमीन

गरियाबंद.

ये कलयुग है… यहां भले सगा भाई- सगे भाई पर भरोसा न करें… और प्रॉपर्टी के नाम पर तो कतई नहीं… लेकिन जब मामा टामन सोनवानी जैसा पॉवरफुल अधिकारी हो तो भला कुछ भी संभव है, और तब तो इस बात पर भी हैरानी नहीं होनी चाहिए कि मालिक ने अपने अधीन नौकरी करने वाले स्टॉफ के नाम से करोड़ों की प्रापर्टी खरीदी. इतना ही नहीं, उस जमीन के ठीक बगल में अपने बुढ़ापे के लिए बहन ने भी अपनी जमीन खरीद ली, खैर… अब मामा के बाद कथित भांजी और बहन भी जांच के दायरे में है और सोनवानी पर सिकंजा कंसने वाली टीमें गरियाबंद में भी एक्टिव नजर आ रही है.

अब आपको बताते है कि मामा, भांजी और बहन का ये पूरा माजरा क्या है. दरअसल गरियाबंद में एक नर्सिंग कॉलेज है. जिसका नाम है  शिवम नरसिंग़ कॉलेज है. इसका संचालन शिवम शिक्षण समिति कर रही है. कथित रूप से इसमें मामा यानी टामन सोनवानी की भांजी अंकिता अनंत सदस्य है. लेकिन जब इस कॉलेज के पास अपनि जमीन नहीं थी तो इसका मालिक कागजों में कोई और था. हालांकि भांजी की एंट्री के बाद भी ऐसा कुछ है. आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि कहने को भांजी मालकिन नहीं है, लेकिन जमीन उनके नाम की है. इतना ही नहीं बगल में बहन यानी टामन सोनवानी की बहन ने भी अपना बुढ़ापा संवारने के लिए अभी से जमीन खरीद ली है. उनका नाम इंदु अनंत बताया जा रहा है. हालांकि कथित बहन से टामन से अपनी किसी रिश्तेदारी होने की बात से ही नकार दिया है, लेकिन टामन सोनवानी पर कार्रवाई करने वाली जांच टीमें इस कॉलेज और कॉलेज की जमीन को लेकर एक्टिव हो गई है और उम्मीद है कि इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते है. सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2014 में राजधानी रायपुर के प्रहलाद जयरानी ने गरियाबंद में शिवम शिक्षण समिति बना कर शिवम नर्सिंग कॉलेज की स्थापना कराई. कॉलेज का संचालन अब भी किराए के मकान में हो रहा है. समिति के फाउंडर का देहांत 2022 में हुआ. इसी साल शिवम शिक्षण समिति ने नया रायपुर में रहने वाली अंकिता अनंत को भी बोर्ड का सदस्य बनाया. जिसके बाद प्रापर्टी विहीन समिति के पास करोड़ों की प्रापर्टी आ गई और अब भवन भी बनना शुरू हो गया है.

चौकाने वाली बात तो यह है कि शिक्षण समिति ने गरियाबंद के जिस शख्स से जमीन खरीदी की गई उसी से ही दूसरी रजिस्ट्री उसी तारीख को अंकिता की मां इंदु अनंत के नाम से है. 3.72 एकड़ के इस संयुक्त भूमि में भवन निर्माण का कार्य भी चल रहा है. ये जांच का विषय है कि  इंदु अनंत टामन सोनवानी रिश्ते में कैसी बहन लगती है. जानकार बताते है कि वे रायगढ़ यूनिर्सिटी में रजिस्टार के पद पर पदस्थ हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी की कई जांच एजेंसी अचानक संस्था में हुई इस बड़ी इन्वेस्टमेंट की जांच में जुट गई है. संस्था के बैंक डिटेल खंगालने और इन्वेस्टमेंट की जांच गुपचुप शुरू कर दी गई है.