रायपुर : समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर : समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुरमुंदा के हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन…

रायपुर : समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर : समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुरमुंदा के हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को सामग्री, चेक, केसीसी और एटीएम कार्ड वितरित

रायपुर

सरकार का काम केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उनका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। जब हम गांव-गांव जाकर समाधान शिविर लगाते हैं, तो यह हमारी जवाबदेही का प्रमाण है। यह कार्य वही सरकार कर सकती है, जो ईमानदारी से जनता के लिए काम करती हो। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड की ग्राम पंचायत मुरमंदा में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान शिविर केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की जनसामान्य के प्रति उत्तरदायित्व का जीवंत प्रमाण है। हमारी सरकार ने एक वर्ष पूर्ण होने पर जनता के समक्ष रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था, और अब डेढ़ साल बाद पुनः जनता के बीच अपने कामकाज का रिपोर्ट दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के तहत् दुर्ग 19 वां जिला है जहां वे सुशासन शिविर में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि औचक निरीक्षण और सुशासन शिविर में लोगों से फीडबैक पाकर  इस बात की खुशी होती है कि हमारी सरकार ने डेढ़ सालों में जो काम किया है उसका लाभ जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि मुरमुंदा शिविर में कुल 2630 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2539 मामलों का मौके पर समाधान कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का पूर्ण निराकरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार हर घर तक बिजली और नल से जल पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में 18 लाख गरीब परिवारों के हक छीनने का काम किया। गरीबों से उनका घर और छत छीनने का काम करके पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का बंटाधार कर दिया था। इसी तरह, नल-जल योजना में भी पिछली सरकार की अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में टंकियां तो बना दी गईं, लेकिन पानी का कोई प्रबंध नहीं था। हमारी सरकार ने इन योजनाओं को सुधारा और धरातल पर लागू किया।

किसान, मजदूर और बुजुर्ग हर वर्ग के लिए योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने वादे के अनुसार किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रूपए की दर से कर रही है, पिछले दो वर्षों का बोनस भी किसानों को दिया गया है। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के माध्यम से बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा का अवसर मिला है। रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत 22000 से अधिक लोग अयोध्या दर्शन कर चुके हैं। भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10,000 रूपए की वार्षिक सहायता दी जा रही है। स्वामित्व कार्ड का वितरण तेजी से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने भूमि रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार का भी उल्लेख किया और बताया कि अब रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण स्वतः हो जाएगा, लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यदि कोई व्यक्ति अपने बेटा-बेटी को ज़मीन देना चाहता है, तो 500 रूपए में दानपत्र देकर कार्य पूरा कर सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों की स्थापना की जा रही है। अब तक 1460 ग्राम पंचायतों में यह केंद्र शुरू हो चुके हैं, जहां प्रतिदिन 1 से 1.5 लाख रुपए तक के बैंकिंग ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। अगले एक वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों तक यह सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य है।

शिविर में किया गया सामग्री वितरण

मुख्यमंत्री साय ने समाधान शिविर में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को गृह प्रवेश की चाबियां, मनरेगा श्रमिकों को जॉब कार्ड, पात्र हितग्राहियों को सामाजिक पेंशन, किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, चेक और एटीएम कार्ड वितरित किए। मुख्यमंत्री साय ने अंत में कहा कि सरकार का कार्य सिर्फ शासन चलाना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है। जब शासन जनता के द्वार तक आता है, तभी असली सुशासन स्थापित होता है। सुशासन शिविर को उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायक साजा ईश्वर लाल साहू, पूर्व विधायक प्रेमप्रकाश पांडेय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं मुरमुंदा सहित 15 पंचायतों के ग्रामीण जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।