सबको शिक्षित बनाना सरकार की प्राथमिकता : मंत्री चौहान
भोपाल : अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि ज्ञानोदय विद्यालयों से हमें गरीब बच्चों को शिक्षित करने का अवसर मिल रहा है, यह हमारा सौभाग्य है।…
भोपाल : अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि ज्ञानोदय विद्यालयों से हमें गरीब बच्चों को शिक्षित करने का अवसर मिल रहा है, यह हमारा सौभाग्य है। सभी को शिक्षित बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम यह प्रयास करें कि विद्यार्थियों को पढ़ाई का माहौल मिले। पढ़ाई में कमजोर बच्चों की मार्किंग कर, उनकी कमियों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के प्रवेश लेते ही बच्चों की नींव मजबूत करने का प्रयास करें, जिससे वे राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिये तैयार हो सके। मंत्री चौहान गुरुवार को ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय, कटारा हिल्स भोपाल में शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों के संचालन की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री चौहान ने विद्यालय का निरीक्षण भी किया।
मंत्री चौहान ने निरीक्षण में छात्र-छात्राओं से शैक्षणिक, पाठ्येतर गतिविधियों, मिलने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा भी की। उन्होंने विद्यालय में स्थापित साइंस लैब, सोशल साइंस लैब, म्यूजिक रूम और क्लास रूम का निरीक्षण किया। विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए उपकरणों और प्रदर्शनी की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ दोपहर भोजन भी किया।
मंत्री चौहान ने ज्ञानोदय विद्यालयों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में प्रदेश भर से मेरिट के आधार पर चयनित विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। सभी शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि करें। सभी विद्यालयों में परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत होना चाहिए। बोर्ड परीक्षाओं में सभी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो। परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं होने पर जिम्मेदार शिक्षकों एवं अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा शासन ने सर्व-सुविधायुक्त ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों की स्थापना की है, इन संस्थानों पर पालकों और विद्यार्थियों का भरोसा बना रहे, इसके लिये हमें टीम भावना से कार्य करना होगा।
मंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों की शीघ्र पदपूर्ति कर लें। सभी विद्यालयों में खेलकूद परिसर बनाएं जाएं, जिन संभाग में परिसर बनाने का कार्य भूमि अनुपलब्धता के कारण अप्रारंभ हैं, उन जिलों के कलेक्टर को भूमि आवंटन करने के लिए पत्र लिखें। उन्होंने ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय, रीवा के लिए शीघ्र भूमि आवंटन कार्यवाही कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इन विद्यालयों के छात्रावासों के संचालन, रख-रखाव एवं सामग्री प्रदाय, विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं तथा उपलब्ध बजट उपयोग की भी समीक्षा की।
प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण डॉ. ई. रमेश कुमार ने कहा कि परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए सभी प्राचार्यों को विद्यार्थियों की ग्रेडिंग करें। ग्रेडिंग के बाद कमजोर बच्चों की हैंड होल्डिंग कर उनकी शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए। उन्होंने प्राचार्य विद्यार्थियों की विषयवार मैपिंग करने और बोर्ड परीक्षाओं के लिए मॉडल प्रश्न उत्तर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालय के छात्र-छात्राओं से भी चर्चा की। हाईस्कूल स्तर से विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में मार्गदर्शन देने और करियर काउंसलिंग करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर आयुक्त संजय वार्ष्णेय, प्राचार्य ज्ञानोदय विद्यालय भोपाल नीरज अब्राहम भी उपस्थित रहे।
अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियो के अध्ययन के लिए हर संभागीय मुख्यालय में ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल उन्नयन, व्यक्तित्व/नेतृत्व विकास करना है। प्रदेश के सभी 10 संभागीय मुख्यालय में ज्ञानोदय विद्यालय संचालित हैं।