पटना में साइबर ठगों की गिरोहबंदी, व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए 1.1 करोड़ रुपये की ठगी

पटना: पटना में साइबर ठगों ने क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन नौकरी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ठगा लिए हैं। रूपसपुर और सिपारा के 2 लोगों से क्रिप्टो ट्रेडिंग…

पटना में साइबर ठगों की गिरोहबंदी, व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए 1.1 करोड़ रुपये की ठगी

पटना: पटना में साइबर ठगों ने क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन नौकरी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ठगा लिए हैं। रूपसपुर और सिपारा के 2 लोगों से क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 58 लाख रुपये की ठगी हुई। साथ ही घर बैठे नौकरी और अन्य बहाने से सात लोगों से कुल 1.1 करोड़ रुपये ठगे गए। पीड़ितों की शिकायत पर साइबर पुलिस मामले जांच कर रही है।

युवती ने WhatsApp कॉल से क्रिप्टो ट्रेडिंग में फंसाया

जानकारी के अनुसार, रूपसपुर के एक व्यक्ति को एक अनजान नंबर से एक युवती ने WhatsApp कॉल किया। युवती ने खुद को 'क्वाइन ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग' कंपनी की कर्मचारी बताया। उसने पीड़ित को क्रिप्टो करेंसी में निवेश के फायदे समझाए। उसने सिर्फ 10 हजार रुपये से निवेश शुरू करने को कहा। 5 दिनों तक क्रिप्टो ट्रेडिंग की जानकारी देकर उसे अपने जाल में फंसाया। फिर पीड़ित को एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया। मुनाफे के लालच में पीड़ित ने एक महीने में 40 लाख रुपये निवेश कर दिए। जब उसने पैसे निकालने चाहे तो उससे 34 लाख रुपये कमीशन मांगा गया। इसी तरह सिपारा के एक व्यक्ति से भी 17 लाख 89 हजार रुपये ठगे गए।

जॉब ऑफर से लाखों रुपये ठगे

शास्त्रीनगर के एजी कॉलोनी निवासी को भी एक अनजान नंबर से युवती का फोन आया। युवती ने दोस्ती कर उसे शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए कहा। वह एक फर्जी कंपनी में 33 लाख रुपये निवेश करके गंवा बैठा। रामकृष्ण नगर के एक निवासी को टेलीग्राम पर पार्ट टाइम जॉब का झांसा दिया गया। कंपनी में निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर उससे 6 लाख रुपये ठग लिए गए। अथमलगोला के एक युवक से 2.44 लाख रुपये और जक्कनपुर की मिठापुर निवासी एक छात्र से 92 हजार रुपये की ठगी हुई। ठगी होने के बाद सभी पीड़ित थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया। फिलहाल साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अनजान लोगों के झांसे में ना आएं। किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल करें। किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी ना दें। शक होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें। या Cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।