कनकई नदी के कटाव से एक दो दिनों में डाकूपारा, पलसा का नामोनिशान मिट जाएगा
दिघलबैंक । करीब 25 दिनों से कनकई नदी के कटाव का मार झेल रहे सिंघीमारी पंचायत के डाकूपारा गांव के ग्रामीणों का दर्द जानने रविवार को ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम…
दिघलबैंक । करीब 25 दिनों से कनकई नदी के कटाव का मार झेल रहे सिंघीमारी पंचायत के डाकूपारा गांव के ग्रामीणों का दर्द जानने रविवार को ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम डाकूपारा गांव पहुंचे। विधायक ने गौरीपुर पलसा घाट से नाव एवं पैदल कनकई नदी को पार कर डाकूपारा गांव पहुंच कटाव क्षेत्र का जायजा लिया। कनकई नदी द्वारा तेजी से हो रहे खेतिहर जमीन के कटाव को देख अपनी चिंता जाहिर करते हुए मौके से जल निस्सरण एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से टेलीफोन पर बात करते हुए जल्द कटाव रोधी कार्य कराने के निर्देश दिये। 25 दिनों में अब तक करीब 65 से 70 बीघा जमीन नदी में समा गयी है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह तेजी से नदी का कटाव हो रहा है। एक दो दिनों में डाकूपारा, पलसा का नामोनिशान मिट जाएगा।
बता दें कि सिंघीमारी पंचायत के वार्ड 1 के डाकूपारा गांव में कनकई नदी के कटाव को लेकर वार्ड सदस्या भालो देवी ने ग्रामीणों के साथ पहले 29 जून को अंचल कार्यालय पहुंच अंचलाधिकारी को कटाव की जानकारी देते हुए लिखित आवेदन दिया था। पर कोई सुनवाई नहीं होने पर 8 दिन पहले गत सोमवार को जिला पदाधिकारी के कार्यालय किशनगंज पहुँच लिखित सूचना देते हुए कटावरोधी कार्य शुरू करने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को बार बार लिखित सूचना देने के बाद भी डाकूपारा गांव को बचाने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हुई है।
रविवार को ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम नदी पार कर स्थलीय निरीक्षण करने एवं कटावरोधी कार्य शुरू करवाने के आदेश के बाद पीड़ित ग्रामीणों को थोड़ी उम्मीद जगी है। कृषि योग्य भूमि को बचाने का अभी कोई गाइडलाइन नहीं है। जल निस्सरण एवं बाढ़ प्रमंडल के सहायक अभियंता प्रीयूस कुमार ने कहा कि यह सही है कि कृषि योग्य भूमि का कटाव हो रहा है। हमारी पहली प्राथमिकता बसावट एवं आवासीय इलाके को बचाने की है। कृषि योग्य भूमि के संबंध में विभाग का कोई स्पष्ट गाइडलाइन अभी तक नहीं है।