दलित सब कोटा के फैसले से मोदी सरकार के कई सहयोगी खुश तो कई नाराज
आरएसएस कर रहा समर्थन, कांग्रेस कर रही बीजेपी के रुख का इंतजार नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान और आरपीआई…
आरएसएस कर रहा समर्थन, कांग्रेस कर रही बीजेपी के रुख का इंतजार
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान और आरपीआई के प्रमुख रामदास अठावले दलित सब कोटे पर सुप्रीम फैसले से खुश नहीं हैं। दोनों केंद्रीय मंत्री इस फैसले को दलितों को बांटने वाला और आरक्षण को खत्म करने वाला बता रहे हैं। वहीं एनडीए सहयोगियों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो इस फैसले से खुश हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं।
समर्थन करने वालों में तेलुगुदेशम पार्टी सबसे ऊपर है। बिहार में हम पार्टी के अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है लेकिन माना जा रहा है कि इस फैसले से वह भी खुश हैं। बिहार सीएम नीतीश कुमार बहुत पहले से दलित आरक्षण के सब कोटे के समर्थक रहे हैं। दलितों में महादलित को अलग आरक्षण का कॉन्सेप्ट उनका ही है। बीजेपी के सामने अब मुश्किल ये खड़ी हो गई है कि वह इस फैसले का समर्थन करे या फिर विरोध। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जिस तरह पार्टियां रुख अख्तियार कर रहीं हैं उससे लगता है कि बीजेपी को जल्द ही अपना स्टैंड साफ करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी का वोटर एक बार फिर भ्रमित हो जाएगा। बीजेपी का इस मुद्दे पर अभी तक स्टैंड नहीं लेने के चलते दोतरफा मार झेलनी पड़ सकती है। एक तरफ तो दलितों को लगेगा कि बीजेपी इस फैसले के पीछे खड़ी है तो दूसरे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की चुप्पी का फायदा उठाने से भी पार्टी वंचित हो सकती है।
बीजेपी इन्हीं बातों को लेकर असमंजस में है और अब तक दलित सब कोटा पर कोई ऑफिशियल स्टेटेमेंट नहीं दे रही है। कांग्रेस भी बीजेपी के रुख का इंतजार कर रही है। कांग्रेस के दो सीएम दलित सब कोटे का स्वागत कर चुके हैं। तेलंगाना और कर्नाटक इसे लागू करने के लिए तैयार हैं। फिर भी कांग्रेस इसका विरोध कर सकती है। बीजेपी के समर्थक दिलीप मंडल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। वहीं आरएसएस का ट्वीटर हैंडल इस फैसले का समर्थन कर रहा है।