सौ से भी ज़्यादा साल वृक्षों की अवैध कटाई , वनविभाग के अधिकारी बेखबर 

सौ से भी ज़्यादा साल वृक्षों की अवैध कटाई , वनविभाग के अधिकारी बेखबर 

मुख्य सड़क के किनारे हफ्ते भर से चल रही थी कटाई 

ग्रामीणों ने कहा वन अधिकारियों की है संलिप्तता

जगदलपुर/कांकेर (हाईवे चैनल)पूर्व भानुप्रतापपुर वनमंडल के अधिकारियों द्वारा की गई एक गंभीर अनियमितता सामने आई है।इस वनमंडल के अंतागढ़ परिक्षेत्र में करीब डेढ़ सौ बड़े बड़े साल वृक्षों को नियम विरुद्ध तरीके से काट डाला गया है।एक तरफ वनविभाग के अधिकारियों द्वारा इस कृत्य के लिए यहां के ग्रामीणों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरी कटाई वन अधिकारियों की देख रेख में करवाई गई है। पूर्व भानुप्रतापपुर वनमंडल के अंतागढ़ परिक्षेत्र के कंपार्टमेंट नंबर आर.एफ.966 तथा 968 के कूप क्रमांक तीन तथा चार में यह अवैध कटाई की गई है।यह जंगल ताडोकी के पास स्थित हवेचूर गांव के पास ठीक भानुप्रतापपुर से नारायणपुर मुख्य मार्ग से लगा हुआ है।इस वन क्षेत्र में पहले से ही काफी अतिक्रमण हो चुका है।अब इस स्थान पर अवैध कटाई का यह बड़ा मामला सामने आया है।ग्रामीणों द्वारा इस स्थान से कुछ दूर खेल मैदान बनाये जाने की मांग भी पहले की जा चुकी है लेकिन रिज़र्व फारेस्ट होने की वजह से उनकी यह मांग पूरी नही की जा सकी थी।इतने बड़े इलाके में हुई यह अवैध कटाई किसके इशारों पर की गई यह जांच का विषय है।ग्रामीणों का कहना है कि वनविभाग के अधिकारियों की देख रेख में ही इस कटाई को अंजाम दिया गया है।इस अवैध कटाई को वैध बनाने और खुद के ऊपर होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए अधिकार इसे कूप कटाई बता रहे है।हालांकि इस वर्ष यह वनक्षेत्र कूपकटाई के लिए निर्धारित क्षेत्र था लेकिन एससीआई कूप अर्थात सलेक्शन कम इम्प्रूवमेंट जिसे हिंदी में प्रवरण सह सुधार कहा जाता है के तहत यहां सिर्फ साफ सफाई की जानी थी।बीमार और पहले से गिरे हुए वृक्षो को ही हटा कर स्पेस दिया जाना था ।पुनरुत्पादन हेतु जंगल को विकसित किये जाने और घनत्व बढ़ाने के उद्देश्य से एससीआई कूप में यह निर्धारित कार्रवाई की जाती है। इसके ठीक विपरीत पूरा जंगल ही साफ कर दिया गया है।काटे गए वृक्ष काफी बड़े हैं जो मौके पर अभी भी पड़े हुए हैं।कटाई के लिए पेड़ों की परिपक्वता भी अभी मापदंडों के अनुकूल नहीं है लेकिन इन्हें बेतरतीबी से काटा गया है।पेड़ों को सतह से दो तीन फ़ीट ऊपर से काटा गया है जिसकी वजह से कई घन मीटर लकड़ी बर्बाद हो गई है।

पूर्व भानुप्रतापपुर के वनमण्डलाधिकारी कृष्णा जाधव से जब इस मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस मामले पर बात नहीं की।अंतागढ़ के उप वनमण्डलाधिकारी शिवेन्द्र भगत ने नेटवर्क से बाहर होने का बहाना बना कर फोन काट दिया।फिर अंतागढ़ के परिक्षेत्र अधिकारी शालिक राम यादव से बात की गई तो उन्होंने इस अवैध कटाई की बात को स्वीकारा।उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा वन अधिकार पट्टे की लालच में इन वृक्षों को काटा गया है।उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है।जिम्मेदारों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।