महालोक बनाने की घोषणाएं अधर में लटकी

भोपाल । उज्जैन में वर्ष 2022 में बने श्री महाकाल महालोक से धर्मधानी की सूरत बदल गई है। आर्थिक रूप से समृद्धता आई है तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी…

महालोक बनाने की घोषणाएं अधर में लटकी

भोपाल । उज्जैन में वर्ष 2022 में बने श्री महाकाल महालोक से धर्मधानी की सूरत बदल गई है। आर्थिक रूप से समृद्धता आई है तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है। शहर के कई लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से महाकाल महालोक से जुड़े। मंदसौर में भी पशुपतिनाथ लोक का निर्माण कार्य चल रहा है। इस नवाचार को अन्य जिलों में भी करने का विचार शासन ने किया। घोषणाएं की गईं। कुछ जगह भूमिपूजन हुआ तो कुछ जगह से प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। शासन ने शुरुआत में तो रुचि दिखाई, लेकिन अब ध्यान नहीं दे रहा।तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महेश्वर में देवी अहिल्या लोक की घोषणा की थी। सिंहस्थ को देखते हुए 29 सितंबर 2023 को भूमिपूजन किया था, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। बजट में इसकी राशि भी नहीं स्वीकृत हुई है। एसडीएम अनिल जैन ने बताया कि फिलहाल बजट नहीं मिला है। सिंहस्थ के पहले निर्माण पूरा हो जाएगा। इसकी लागत 40 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है। मंदसौर में श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में 25 करोड़ रुपये में पशुपतिनाथ लोक का काम चल रहा है। इसके तहत अभी मंदिर परिसर में खंभे व बाहर दीवारों पर नक्काशी वाले लाल पत्थर लगाए जा रहे हैं। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो दिसंबर तक पशुपतिनाथ मंदिर पर पशुपतिनाथ लोक के पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा। पशुपतिनाथ लोक बनते ही धार्मिक आकर्षक और बढ़ेगा। चारों तरफ दीवारों पर त्रिशूल, रुद्राक्ष, शंख अन्य धार्मिक चिह्न बनेंगे। सेल्फी पाइंट तैयार होगा। मंदिर परिसर से लेकर बाहर तक शिव लीलाएं शोभा बढ़ाएंगी, आदि योगी की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहेगी। अभी पशुपतिनाथ लोक में आसपास की दीवारों एवं यात्री प्रतीक्षालय की छत पर कार्य चल रहे हैं।खरगोन में 14 दिसंबर 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवग्रह लोक की घोषणा की थी। इसके बाद 29 सितंबर 2023 को भूमिपूजन किया था। 25 करोड़ लागत के इस लोक में नवग्रह मंदिर के पास कॉरिडोर, वाटिका, सरस्वती कुंड, कुंदा घाट सहित नवग्रह की राशियों संबंधी कार्य किए जाएंगे। इसका कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। जनप्रतिनिधियों व शहरवासियों ने अपने सुझाव रखे थे। इसमें मकर संक्रांति पर हजारों लोग कथा करवाते हैं। इसके लिए छोटे पंडाल को बड़ा करने का सुझाव आया। नवग्रह देवों की सभी राशियों के अनुसार निर्माण कार्य की बात भी रखी थी। संशोधन का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। डिजाइन बनाई जा रही है। उम्मीद है कि 15 अगस्त के बाद काम शुरू हो सकता है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि जल्द काम शुरू होगा।उज्जैन के समीप स्थित देवास में माता टेकरी के नीचे देवी लोक बनाने की योजना है। टेकरी पर मां तुलजा भवानी और चामुंडा माता विराजमान हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में विधायक गायत्रीराजे पवार ने घोषणा की थी कि चुनाव जीतने के बाद पहली प्राथमिकता देवी लोक बनाने की रहेगी। चुनाव जीतने के बाद देवी लोक का थ्री-डी प्रिंट बनाया और स्वीकृति के लिए शासन के पास भेजा। माता टेकरी के रपट मार्ग पर स्थित पाथवे पर देवी लोक बनाने की योजना है। करीब चार किमी से अधिक के क्षेत्रफल में देवी लोक बनेगा। देवी के नौ स्वरूपों की मनमोहक मूर्तियां रहेंगी। ओपन थियेटरनुमा जगह रहेगी, जहां गरबा आदि विविध आयोजन हो सकेंगे। सुंदरीकरण के साथ साज-सज्जा व लाइटिंग की जाएगी। बैठने के लिए सिटिंग एरिया रहेगा। बच्चों के लिए मनोरंजन की भी व्यवस्था रहेगी। कैफेटेरिया की भी योजना है। फरवरी में इसका भूमिपूजन हो चुका है। लागत करीब साढ़े दस लाख रुपये है, जो और बढ़ सकती है। काम कब शुरू होगा, इसे लेकर संशय की स्थिति है।