बस्तर

मिशन संचालक का आदेश नहीं मानते सीएमएचओ

वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे एनएचएम के कर्मचारियों की फाइल गायब

मिशन संचालक का आदेश नहीं मानते सीएमएचओ

स्थानीय नेताओं की शह पर बेलगाम हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे एनएचएम के कर्मचारियों की फाइल गायब

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जगदलपुर।(हाईवे चैनल)बस्तर जिले का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों खुद गंभीर बीमारियों की चपेट में है।इस विभाग में अनावश्यक रूप से राजनेताओं के हस्तक्षेप के चलते अधिकारियों और कर्मचारियों की दबंगई सातवे आसमान पर है।अधीनस्थ कर्मचारी वरिष्ठों की बात नही सुनते और वरिष्ठ अधिकारी राजधानी के अधिकारियों को कुछ नहीं समझते ।आ देखें ज़रा किसमे कितना है दम की तर्ज़ पर चौबीसों घंटे और सातों दिन यहां सिर्फ राजनीतिक उठापटक और भ्रष्टाचार के अलावा कुछ और दिखाई नहीं पड़ रहा है।भ्रष्टाचार इतना कि कुछ महीने पहले कलेक्टर रजत बंसल ने यहाँ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के. चतुर्वेदी को पद से हटा दिया था।ये अलग बात है कि यहां के एक कोंग्रेसी नेता के लाडले येअधिकारी अपनी छिनी हुई कुर्सी फिर से पाने में कामयाब हो चुके हैं।कभी खरीदी से संबंधित टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कभी महिला कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार, कभी फ़र्ज़ी अनुकंपा नियुक्ति कभी रिकॉर्ड तोड़ कमीशनखोरी की शिकायतें इस कार्यालय में लगातार गूंज रही हैं ।इस कार्यालय के बेलगाम अधिकारियों की हिम्मत इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि इन्होंने राज्य शासन के स्तर से जारी होने वाले आदेशों को भी डस्टबीन में फेंकना शुरू कर दिया है।

हम जिस आदेश की बात कर रहे हैं वह आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक का है।
यह पूरा मामला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला बस्तर में वर्षों से एक ही पद पर संविदा में कार्यरत ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक और ब्लॉक लेखा प्रबंधकों की पदस्थापना एवं स्थल परिवर्तन से जुड़ा हुआ है ।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत बस्तर जिले के सातों ब्लॉक में ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक और ब्लॉक लेखा प्रबंधक के पदों पर जमे हुए संविदा कर्मियों का जलवा भी कम नहीं है।हर साल कार्य मूल्यांकन और नवीन पदस्थापना की प्रक्रिया को पूरा करने की ताकत बस्तर का स्वास्थ्य विभाग नही जुटा पा रहा है।सालों से जमे ये संविदा कर्मी आर्थिक और राजनीतिक रूप से बहुत ताकतवर हो चुके हैं।इनमे से दो कर्मचारी तो ऐसेभी है जो बीते 14 वर्षों से लोहंडीगुड़ा और तोकापाल की एक ही कुर्सी पर अजगर की तरह लिपटे हुए हैं।

इस मामले में स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ .आर. के. चतुर्वेदी ने दिनाँक 6.6.2022 को तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल के समक्ष नोटशीट प्रस्तुत कर 11 कर्मचारियों की पदस्थापना स्थल में परिवर्तन करने संबंधी अनुमोदन लेकर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र क्रमांक 2022-23/4525 जगदलपुर दिनाँक 10.06.2022 के माध्यम से शासन स्तर से आदेश निकालने हेतु पत्र प्रेषित किया था।
तत्पश्चात मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर /2022/1022/2415 नवा रायपुर दिनाँक 19.09.2022 के माध्यम से नवीन पदस्थापना करने हेतु पत्र भेजा गया।मिशन संचालक के इस आदेश को जारी हुए चार महीने बीत चुके हैं लेकिन यहां के गैरज़िम्मेदार अधिकारी इस आदेश को आदेश ही नहीं मान रहे हैं।ब्लॉक स्तर के संविदाकर्मी बरसों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए इतने ताकतवर हो चुके हैं कि अब रिटायरमेंट से पहले उन्हें कोई यहां से एक इंच भी नही हिला सकता।वे अब पूरे जिले की व्यवस्था को प्रभावित करने के साथ साथ राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों को भी कचरे के डब्बे तक पहुंचाने की ताकत रखने लगे हैं।

 

कार्यालयीन सूत्रों के अनुसार सीएमएचओ द्वारा उक्त आदेश एवं फाइल को ही गायब कर दिया गया है।साथ ही इस प्रकरण में लेनदेन किये जाने की चर्चा भी विभागीय गलियारों में चल रही है।डॉ चतुर्वेदी को वर्तमान सरकार के कुछ नेताओं का संरक्षण प्राप्त है इसलिए बेलगाम हो चुके इस दफ्तर में ऐसी बहुत से गतिविधियां जारी हैं जो कि नहीं होनी चाहिए। ज्ञात हो कि तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने भ्रष्टाचार की एक शिकायत पर इन्ही डॉ. चतुर्वेदी को पद से हटा दिया था।

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