आर्सेलर मित्तल के लाल जहर से परेशान आदिवासियों ने खोला मोर्चा
टूटा ग्रामीणों के सब्र का बांध, सड़क पर उतरे सैकड़ों ग्रामीण
आर्सेलर मित्तल के लाल जहर से परेशान आदिवासियों ने खोला मोर्चा
फसल बर्बाद, बच्चे बीमार, सडक़ पर चलना दूभर और भोजन भी हो रहा विषाक्त
आदिवासी महासभा ने आर्सेलर मित्तल कंपनी के खिलाफ फूंका बिगुल, निकाली रैली, लगाए मुर्दाबाद के नारे
दंतेवाड़ा। आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील कंपनी के खिलाफ गांव वालों का गुस्सा चरम पर है। विरोध के स्वर इतने तल्ख है कि पूछिए मत। गांव वालों ने कहा कंपनी सिर्फ छल करने के सिवाय बस्तर में कुछ नहीं कर रही है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा ये कंपनी आयरन ओर के डस्ट को हानिकारक न होने का हवाला दे रही है, लेकिन यह तो उनके लिए लाल जहर ही है। फसल बर्बाद, बच्चे बीमार, सडक़ से निकलना दूभर और भोजन भी लाल जहर से विषाक्त हो रहा है। मामला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की कुदेली पंचायत में आयरन ओर का अपशिष्ट डंप करने से जुड़ा है।
इस पंचायत के लोगों ने आवेदन-निवेदन सब कुछ किया प्रशासन से, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। अब सीपीआई और आदिवासी महासभा के बैनर तले कंपनी और प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला है।
सैकडों की संख्या में सोमवार को नगर के कतियाररास चौक से कलक्ट्रैट तक रैली निकाली और कंपनी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। सीपीआई नेताओं ने दो टूक कहा इस लाल जहर से अपने खेतों को बार्बाद नही होने देगें। इसके लिए भले ही कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
कंपनी के लिए ये डस्ट भले ही अमृत होगा लेकिन गाव वालों का इस डस्ट से जीना मुश्किल हुआ जा रहा है। यदि ये जहर नहीं तो फिर जहर कैसा होता है? जितना भी आयरन ओर का डस्ट डंप किया है, उसे कंपनी हटाए। इस डस्ट को नही हटाया गया तो कंपनी के सामने बैठकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
आदिवासी ग्राम सभा के राष्ट्रीय पदाधिकारी सूदरू कुंजाम ने कहा कंपनी का लाल डस्ट आदिवासियों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। ये लाल जहर है। जहां पड़ जाता है वहा फसल तक नही होती है। किरन्दुल के आस- पास के क्षेत्र को बरबाद कर दिया गया है। अब कुन्देली पंचायत में लाल जहर डंप किया जा रहा है।
आयरन हिल की तलहटी से गांव तक पहुंचा विरोध
आयरन हिल किरन्दुल से लेकर गांव तक कंपनी के खिलाफ विरोध के स्वर सडक़ों पर है। कुंदेली पंचायत के ग्रामीणों ने शनिवार को एकत्र होकर फिर से एक ग्राम सभा का आयोजन किया।
इस ग्राम सभा में पूरी पंचायत के लोग एकत्र हुए थे। बड़े बूढ़े और महिलाएं शामिल हुई। उन्होंने कहा पहला प्रस्ताव कंपनी ने छल से करवाया था। इस बार के ग्राम सभा प्रस्ताव में सभी के हस्ताक्षर है।
ग्राम सभा के इसी प्रस्ताव को कलक्ट्रैट में अधिकारियों को सौंपेगेें। प्रस्ताव में साफ लिखा गया है कि गांव में डस्ट तो छोड़िए हमे इस कंपनी से कुछ भी नहीं चाहिए। कंपनी इसके बाद भी नही मानती है तो सडक़ पर बैठना मजबूरी होगी।
क्या कहा सीपीआई के नेताओ ने …..
किरुन्दुल से लाकर कुंदेली पंचायत में आयरन ओर के डस्ट को डंप कर रहे हैं। किरन्दुल क्षेत्र में जमीन को बर्बाद कर दिया है। यह मिट्टी बहुत ही जहरीली है। कंपनी बोल रही है है इस मिट्टी से कोई नुकसान नहीं है, तो किरन्दुल के उस क्षेत्र में खेती करके दिखाए, जहां इस मिट्टी को डाल दिया गया है।वहां एक पौधा भी नही उगता ।
भीमसेन मंडावी, जिला सचिव,
सी पी आई
आर्सेलर मित्तल कंपनी अपनी लाल मिट्टी को कमालूर पंचायत के आश्रित गांव कुंदेली में डंप कर रही है। इस मिट्टी के डंप करने से बहुत नुकसान हो रहा है। खेतों को बार्बाद किया जा रहा है। ग्राम सभा से फिलहाल कंपनी के काम को बंद करवा दिया गया है। ये पदार्थ कागजों में जहरीला हो न हो लेकिन गांव वालों के लिए ये जहर ही है। लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। कलक्ट्रेट तक रैली ले जाकर कंपनी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया है। इस मिट्टी को डंप करने का काम पूरी तरह से बंद किया जाए।
जितेंद्र शोरी, जनपद उपाध्यक्ष, कटेकल्याण सीपीआई