बोधगया में दुकानदारों ने अपनी मर्जी से दुकानों पर नाम लिखा 

बोधगया । यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों में नेमप्लेट लगाने का आदेश दिए जाने के बाद से इस पर राजनीति तेज हो…

बोधगया में दुकानदारों ने अपनी मर्जी से दुकानों पर नाम लिखा 

बोधगया । यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों में नेमप्लेट लगाने का आदेश दिए जाने के बाद से इस पर राजनीति तेज हो गई है। यूपी से लेकर बिहार तक इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है लेकिन अब बिहार के बोध गया में कुछ दुकानदारों ने अपनी मर्जी से दुकान के आगे नेम प्लेट लगा ली है। 
बोधगया के महाबोधि मंदिर में भी सावन महीने में हजारों कांवड़िया पहुंचते हैं और गर्भगृह में स्थापित भगवान शिव पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं। इसी को देखते हुए बोधगया के स्थानीय दुकानदारों ने आपसी सहमति से दुकान के आगे नेम प्लेट लगा ली है। हिंदू और मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी स्वेच्छा से फल की दुकानों के आगे ये नेमप्लेट लगाई है। कुछ फल दुकानदारों ने बीते 20 सालों से अपना नाम दुकान के आगे लिख रखा है। यहां के स्थानीय फल दुकानदरों ने बताया की नेम प्लेट लगाने के बाद भी कारोबार पर कोई फर्क नहीं पड़ता और सभी धर्मों के लोग खरीदारी करने आते हैं। वहीं बोधगया के एक फल दुकानदार ने कहा कि यहां पर देश और विदेश के भी ग्राहक आते हैं। सावन महीने में कांवड़िये भी आते रहते हैं यहां पर किसी तरह का भेदभाव नहीं है। 
वहीं दूसरे फल दुकानदार ने बताया की यह फल मंडी है और दुकानों में नेमप्लेट तो जरूर होना चाहिए ताकि किसी तरह की बात हो तो उसकी पहचान हो सके कि किस दुकान से सामान लिया है। उन्होंने कहा कि नेमप्लेट लगाने से किसी भी तरह की गड़बड़ नहीं होगी। यहां हिन्दू और बौद्ध धर्म दोनों का आस्था का केंद्र है और इस नेमप्लेट से बोधगया में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा। वहीं फल खरीदने आए एक स्थानीय नागरिक ने बताया की यह ज्ञान और मोक्ष की भूमि है और भगवान बुद्ध की देन है कि यंहा पर सभी धर्म के लोग एक साथ रहते हैं। आप देख रहे होंगे कि बोधगया के फल दुकानदार भी सावन महीने को लेकर अपने दुकान में नेमप्लेट लगा चुके हैं। हमलोग किसी भी धर्म और जातपात में भेदभाव नहीं रखते हैं।