इलाज के बहाने धर्मांतरण: रतलाम में SIT गठित, पास्टर के सैलरी और राज खुले रिमांड में

रतलाम
इलाज के बहाने धर्मांतरण कराने के आरोपों से जुड़े रतलाम केस में अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने इस मामले में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। जांच के दौरान सामने आया है कि झाबुआ से पकड़े गए पास्टर गॉडविन को केरल स्थित संस्था से हर महीने ₹60,000 सैलरी मिलती थी, जिसमें से वह ₹4,000 से ₹5,000 मुख्य आरोपी विक्रम सिंह के खाते में भेजता था।
दो दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद कोर्ट ने पास्टर गॉडविन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
केरल की संस्था से जुड़ा था पास्टर गॉडविन
पुलिस पूछताछ में पता चला कि गॉडविन झाबुआ जिले के मोहनपुरा में एक चर्च का पास्टर था, जो 'चर्च ऑफ साउथ इंडिया' नामक संस्था से जुड़ा है। यह संस्था केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम में स्थित है।
पास्टर का काम धार्मिक प्रचार, प्रार्थना आयोजन और चर्च की गतिविधियों की देखरेख करना था। संस्था द्वारा उसे हर महीने वेतन दिया जाता था।
मुख्य आरोपी विक्रम को भेजता था रकम
गॉडविन ने स्वीकार किया कि वह विक्रम सिंह के खाते में पैसे भेजता था, लेकिन उसका दावा है कि यह “मदद” के रूप में भेजे गए थे। पुलिस इस दावे से संतुष्ट नहीं है और पैसों के लेन-देन के पीछे के वास्तविक उद्देश्य की जांच कर रही है।
CSP सत्येंद्र घनघोरिया की अगुवाई में SIT
धर्मांतरण के इस मामले की गहराई तक जांच के लिए SP अमित कुमार ने 6 सदस्यीय SIT गठित की है, जिसका नेतृत्व CSP सत्येंद्र घनघोरिया करेंगे।
टीम में नामली थाना प्रभारी गायत्री सोनी, औद्योगिक थाना प्रभारी सत्येंद्र रघुवंशी, सायबर सेल और अन्य अधिकारी शामिल हैं। यह टीम अब तक हुई पूरी जांच की समीक्षा करेगी और आवश्यकतानुसार केरल जाकर साक्ष्य जुटाएगी।
इलाज के बहाने धर्मांतरण का आरोप
5 सितंबर को शिवशक्ति नगर (रतलाम) में कई ग्रामीणों को “इलाज” के नाम पर एक जगह लाया गया था। सूचना मिलने पर बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने पुलिस को बुलाया।
पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्य आरोपी विक्रम सिंह को अगले दिन पकड़ा गया।
छापे के दौरान पुलिस को क्रॉस, बाइबल और प्रार्थना के वीडियो मिले थे, जिससे धर्मांतरण की गतिविधियों की पुष्टि हुई थी।
पास्टर का नाम बैंक जांच में आया सामने
मुख्य आरोपी विक्रम के बैंक खातों की जांच में गॉडविन का नाम सामने आया था। इसी आधार पर पुलिस ने उसे झाबुआ से गिरफ्तार किया और रिमांड पर लेकर पूछताछ की।
यह था पूरा मामला रतलाम के थाना औद्योगिक क्षेत्र के शिवशक्ति नगर में 5 सितंबर को बड़ी संख्या में ग्रामीण लोग मिले थे। आरोप लगा था कि इन्हें इलाज के बहाने धर्मांतरण के लिए लाया गया था। बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी। मौके से पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्य आरोपी अगले दिन पकड़ाया था। सभी के खिलाफ धर्मांतरण करने का केस दर्ज किया गया था।
मुख्य आरोपी के खाते से जुड़ा पास्टर का नाम जब पुलिस ने मुख्य आरोपी के बैंक खातों की जांच की, तो झाबुआ के मोहनपुरा चर्च के पास्टर गॉडविन का नाम सामने आया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ कर लाई थी। दो दिन के रिमांड के बाद कोर्ट ने उसे भी जेल भेज दिया है।
छापे में मिला था धार्मिक साहित्य और वीडियो शिवशक्ति नगर में कार्रवाई के दौरान पुलिस को क्रॉस टंगा मिला, बाइबल मिली और इलाज के बहाने प्रार्थना करवाने का वीडियो भी सामने आया था। इसी आधार पर धर्मांतरण की गतिविधि की पुष्टि हुई।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था केस
जगदीश (30) पिता शम्भूलाल निनामा निवासी रिछखोरा थाना सरवन हाल मुकाम गंगासागर रतलाम। (नर्सिंग स्टूडेंट)
मांगीलाल (35) पिता शंकरलाल निनामा साल निवासी सागवा थाना बिलकुंआ जिला बांसवाडा (राजस्थान)
गुड्डु उर्फ गुड्डा (18 साल 07 माह) पिता बालू मईडा निवासी गेणी थाना शिवगढ जिला रतलाम।
विक्रम सिंह (35) पिता शम्भूलाल उर्फ शम्भू निनामा निवासी रिछखोरा थाना सरवन हाल मुकाम शिव नगर रतलाम।



